NCERT Solutions for Class-12 Hindi (Antral Bhag-2) Chapter-3 बिस्कोहर की माटी
उत्तर: कोइयां पानी में उगने वाला एक फूल हैं जिसे ' कुमुद ' और ' कोकाबेली ' के नाम से भी जाना जाता है।
इसकी विशेषताएं निम्नलिखित हैं –
(क) पानी से भरे गड्डो में यह फूल आसानी से उगता हैं।
(ख) कोइयां भारत के अधिकांश भागों में लाया जाता है।
(ग) इस फूल में बहुत आकर्षक गंध आती हैं।
2.' बच्चे का मां का दूध पीना सिर्फ दूध पीना नहीं, मां के सारे संबंधो का जीवन – चरित होता है ' टिप्पणी कीजिए।
उत्तर: बच्चे का अपनी माँ से बहुत गहरा संबंध होता है। यह संबंध माँ की कोख में आने के साथ ही जुड़ जाता है। जब वह जन्म लेता है, तो माँ के दूध पर ही 6 महीने तक निर्भर रहता है। इस दूध को वह आगे 3 वर्षों तक और ग्रहण करता है। माँ अपने बच्चे को दूध पिलाते समय अपने आँचल की छाँव में रखती है। इससे माँ-बच्चे के मध्य संबंध सजीव हो उठता है। इस तरह दोनों एक-दूसरे के साथ जीवन के कई वर्ष बिताते हैं। बच्चा माँ के साथ ही रोता, हँसता, खेलता, खाता, पीता बड़ा होता है। माँ इन क्रियाओं से सुखी होती है। वह बच्चे पर अपनी ममता लुटाती है। वह बच्चे को अपनी ममता की छाँव के तले रखती है। बच्चा माँ के आँचल में दूध पीता हुआ अपनी माँ के स्पर्श तथा गरमाहट को महसूस करता है। वह बच्चे के लिए उसका पोषण करने वाली, मित्र तथा एक स्त्री होती है। माँ का दूध पीकर बच्चा मानव जीवन की सार्थकता को पूर्ण कर देता है।
उत्तर: बिसनाथ अभी भी मां के दूध पर निर्भर ही था कि उसके छोटे भाई का जन्म हो गया।छोटे भाई के जन्म के साथ, वह अपनी मां के दूध से भी वंचित हो गया।बिसनाथ अभी खुद बच्चे थे पर निसंदेह उनका भाई उनसे छोटा था।इसलिए 6 महीने तक मा के दूध पर उसका एकाधिकार बना रहना था।बिसनाथ के लिए यह किसी अत्याचार से कम नहीं था, जो सही भी था, क्योंकि अब उसका छोटा भाई उनके हिस्से का दूध पीता था।यह बिसनाथ को यातना के सामन था, क्योंकि अब उन्हें गाय के दूध पर निर्भर रहना पड़ता था।
(क) धोती तथा कमीज़ में गाँठ लगाकर प्याज़ बाँध दिया जाता था।
(ख) लू से बचने के लिए कच्चे आम का पन्ना पिया जाता था।
(ग) कच्चे आम को भूना जाता था। गुड़ तथा चीनी के साथ उसका शरबत पीया जाता था। उसे शरीर पर लगाया जाता था तथा उससे नहाया भी जाता था।
(घ) कच्चे आम को भूनकर या उबालकर सिर भी धोया जाता था।
हम केवल प्याज़ के प्रयोग तथा आम पन्ना पीने वाले उपाय से परिचित हैं। अन्य विवरण हमारे द्वारा सुना नहीं गया है।
उत्तर: बिस्कोहर की बरसात सीधे नहीं होती है। पहले आकाश में बादल घिर जाते हैं। उसके बाद वह गड़गड़ाहते हैं। दिन में यदि बादल आकाश में छा जाए तो लगता है मानो रात हो गई है। तेज़ बारिश होने लगती है। बारिश होने का स्वर तबला, मृदंग तथा सितार जैसा लगता है। लेकिन जब तेज़ होती है, तो लगता है मानो दूर से घोड़े भागे चले आ रहे हों। प्रत्येक स्थान को वर्षा भीगा देती है। एक दिन होकर वर्षा बंद नहीं होती है। कई-कई दिन तक होती रहती है। इसके कारण किसी मकान की छत उड़ जाती है, तो कभी जमीन धंस जाती है। नदी में बाढ़ तक आ जाती है। गाँव के सभी पशु-पक्षी बरसात का आनंद उठाते हुए यहाँ से वहाँ भागते दिखाई देते हैं। नदी-नाले भर जाते हैं। चारों तरफ पानी ही पानी हो जाता है। पहली बरसात से चर्म रोग दूर हो जाते हैं।
उत्तर: हमने देखा कि लोगों का मानना है कि फूल केवल अपनी सुगंध और रंग के कारण ही पहचाने जाते हैं।लेकिन लेखक इस बात से सहमत नहीं हैं कि फूल केवल गंध ही देते हैं बल्कि दवा का काम भी करते है। वह ' भर भंडा ' फूल के बारे में कहते है कि इस फूल का दूध अगर आंखो में डाल दिया जाए तो आंखो से सम्बन्धित सभी बीमारियां ख़तम हो जाती हैं।नीम के फूल को अगर चेचक के उपर लगाया जाए तो चेचक ठीक हो जाता है। बेर के फूलों को सूंघने मात्र से ही ततैए का डंक ख़तम हो जाता जाता है।
उत्तर: लेखक की प्रकृति, नारी और सौंदर्य संबंधी कुछ मान्यताएँ हैं। ये मान्यताएँ आपस में गुथी हुई हैं। जब लेखक दस बरस का था, तो उसने एक स्त्री को देखा था। वह उससे दस वर्ष बड़ी थी। उसका सौंदर्य अद्भुत था। संतोषी भाई के घर के बाहर आँगन में एक जूही की लता लगी थी। उससे आने वाली सुंगध लेखक के प्राणों तक को महका गई थी। लेखक चाँदनी रात में लता पर खिले फूलों में चाँदनी को देखता है। उसे प्रतीत होता है मानो चाँदनी जूही के फूलों के रूप में लता में उग आई हो। यहाँ लेखक प्रकृति को जूही, खुशबू, लता तथा स्त्री के रूप में देखता है। उसके लिए ये अलग-अलग नहीं हैं। ये सब आपस में जुड़े हुए ही हैं। अतः वह औरत को चाँदनी के रूप में जूही की लता सी प्रतीत होती है। वह प्रकृति में उस औरत को और औरत को प्रकृति के रूप में देखता है।
9. ऐसी कौन सी स्मृति हैं जो लेखक को मृत्यु का बौध अजीब तौर से जुड़ा मिलता हैं।?
उत्तर: लेखक ने एक बार गांव में ठुमरी सुनी।ठुमरी सुनकर लेखक को रोने का मन करने लगा।लेखक कहता है कि ठुमरी को सुनते ही ,उसे उस महिला की याद आती है जो अपने मृत्यु कि गोद में गए पति को याद करती हैं।उससे बस अपने प्रिय से मिलने का इंतजार रहता है।उसका प्रियतम हर रूप में उसके साथ हैं।इस स्मृति को याद करके, लेखक अजीब तरह से मौत के अहसास से जुड़ जाता हैं।
0 comment
Post a Comment